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बिहार के IPS ऑफिसर ने किया झारखंड के महिला का यौन शोषण, हैदराबाद में कांड को अंजाम दिया

बिहार के IPS ऑफिसर ने किया झारखंड के महिला का यौन शोषण, हैदराबाद में कांड को अंजाम दिया













बिहार के स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (SCRB) में तैनात डीआईजी रैंक के आईपीएस अफसर राजीव रंजन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सीआईडी ने अपनी जांच में उनके खिलाफ लगे यौन शोषण और महिला को झूठे केस में फंसाने के आरोप सही पाए गए हैं। सीआईडी ने डीजीपी से राजीव रंजन के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। ऐसे में पुलिस मुख्यालय के द्वारा जल्द ही आईपीएस अफसर के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। राजीव रंजन के पास डीआईजी (रेल) का अतिरिक्त प्रभार भी है।

पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की और कहा कि जांच रिपोर्ट कुछ दिन पहले डीजीपी को सौंपी गई है। सीआईडी ने आईपीएस अफसर के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए कहा है। वहीं, एडीजी (मुख्यालय) जेएस गंगवार का कहना है कि जांच रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर जुर्माना तय किया जाएगा।


यह मामला 2018 का है। राजीव रंजन पहले बिहार पुलिस सेवा में थे। उन्हें आईपीएस के लिए प्रमोट किया गया। उस दौरान उन्हें अनिवार्य प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (एनपीए) भेजा गया। इससे पहले उनकी झारखंड की एक महिले से दोस्ती हो गई, जो शादी के बाद हैदराबाद रह रही थी। 

एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि उस महिला ने आईपीएस राजीव रंजन के खिलाफ गंभीर आरोप गाए। पीड़िता ने पुलिस में अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि राजीव रंजन राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण के लिए आया था।

4 अप्रैल 2018 की शाम को हैदराबाद के वनस्थलीपुरम थाना क्षेत्र में एनपीए की कार में उसके घर पहुंचा। महिला का आरोप है कि उसे घर में अकेला पाकर आरोपी ने उसका यौन शोषण किया। जब महिला ने पुलिस अधिकारी से दूरी बनाना चाही, तो उसे धमकाना भी शुरू कर दिया।

आईपीएस अफसर ने महिला और उसके पति को जेल भिजवाया

महिला ने वनस्थलीपुरम थाने में लिखित शिकायत दी जिसके बाद आईपीएस राजीव रंजन ने उसे शिकायत वापस लेने की धमकी देना शुरू कर दिया। फिर 19 जुलाई 2018 को अपने छोटे भाई के ससुर के माध्यम से महिला और उसके पति के खिलाफ पटना के आगमकुआं थाने में आईटी एक्ट व रंगदारी (503/2018) का मामला दर्ज किया गया। इसके बाद महिला और उसके पति को गिरफ्तार कर बेउर जेल भेज दिया गया।

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पीड़िता के भाई ने 11 अक्टूबर 2018 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास शिकायत दर्ज कराई। इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री सचिवालय ने डीजीपी को जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया। आरोपों की गंभीरता और आईपीएस से जुड़ा मामला होने के कारण इसकी जांच की जिम्मेदारी सीआईडी ​​को दी गई। इसके बाद सीआईडी ने जांच कर डीजीपी को इसकी रिपोर्ट सौंप दी है।

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