खगड़िया: किसानों की गैरमजरूआ जमीन हड़प कर, सरकार पूंजी पतियों को देना चाहती है : शैलेंद्र वर्मा, किसान नेता
खगड़िया TNB Times (हिन्दी) रमेश कुमार की रिपोर्ट : सरकार ने लोगों को धोखे में रखा है, टोपोलैंड वाले जमीन की रजिस्ट्री और म्यूटेशन का आदेश देकर, सरकार ने लोगों के बीच भ्रम फैला रखा है कि अब गैरमजरूआ आम और खास वाले जमीन का भी रसीद कटेगा। लेकिन सच्चाई यह नहीं है। सरकार ने सिर्फ टोपोलैंड वाले जमीन का रजिस्ट्री और म्यूटेशन का आदेश दिया है। हम आपको बता दें कि 2014 से ही गैरमजरूआ आम और खास जमीन पर सरकार सरकार ने रजिस्ट्री और म्यूटेशन से रोक लगा दिया है। जिस पर अभी तक सरकार ने कोई आदेश नहीं दिया है। किसान नेता शैलेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि जिस जमीन पर रोक लगाया गया है उसकी चिट्ठी ऑफिसर्स के पास नहीं है। और सरकार के द्वारा जो भूमि सर्वेक्षण का काम पूरे बिहार में चल रहा है, उसने टोपोलैंड और गैरमजरूआ जमीन को किसानों के नाम पर करने का झूठा वादा करके कर्मचारियों ने अरबों रुपए की लूट की है। और उसके बाद सरकार ने उस सर्वेक्षण को कैंसिल करके पुनः सर्वेक्षण करवाने का फैसला किया है। यह हमारे किसानों के साथ अन्याय है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। सरकार चाहती है कि किसानों की गैरमजरूआ जमीन को लेकर हम उसे पूंजीपतियों के हाथ में सौंप देंगे तो हम किसान मरते दम तक यह कभी होने नहीं देंगे। खगड़िया जिला के बेलदौर प्रखंड के ईदमादी पंचायत में भूमि सर्वेक्षण का काम करने के लिए जो कर्मचारी गए थे उन्हें सर्वेक्षण के काम से वहां के किसानों ने रोक दिया है किसान इस सर्वेक्षण को लेकर के गुस्से में है। गैरमजरूआ आम और खास जमीन पर सरकार ने जो रोक लगाई है यह सरासर गलत है। सरकार जल्द इस पर कोई फैसला दे। क्योंकि अब यह गैरमजरूआ आम और खास जमीन छोटे-छोटे मजदूर किसानों के हाथ में आ गया है, किन्ही को अपनी बेटी की शादी करनी है, किसी को बीमारी का इलाज करवाना है, किसी को बच्चे की पढ़ाई करवानी है, किसी को कर्ज से मुक्ति पाना है इंतजाम इंसानों के बीच वह अपनी जमीन को नहीं बेच पा रहा है। जिस जमीन को किसानों ने लाखों रुपए देकर के खरीदा। वह आज अपनी ही जमीन को बेच नहीं पा रहा है। इस बात को लेकर किसानों में गुस्सा है। और इस मुद्दे को लेकर के हाई कोर्ट में पीआईएल दायर करने जा रहे हैं शैलेंद्र कुमार शर्मा।