पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के प्रयास से स्थापित इसरो के वैज्ञानिकों के सफल प्रयास का जदयू ने सराहा
चन्द्रयान-3 का सॉफ्ट लैंडिंग पर इसरो के वैज्ञानिकों को भारत रत्न सम्मान मिले:बबलू मंडल
खगड़िया, 24 अगस्त 2023
जनता दल यूनाइटेड के जिलाध्यक्ष बबलू कुमार मंडल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर भारत के यशस्वी इसरो के वैज्ञानिकों के अथक प्रयास का फलाफल है कि चंद्रयान-3 का 23 अगस्त 2023 बुधवार के शाम छ: बजकर चार मिनट पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू तथा इंदिरा गाँधी के कल्पनाओं को साकार किया, जिसपर हम भारत वासियों को गर्व है। इसरो के संस्थापक वैज्ञानिक विक्रम सारा भाई पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जी के विशेष आग्रह पर भारत आए तथा 1969 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के प्रयास से "इसरो" की स्थापना हुई तथा 1975 में भारत ने अपना पहला "आर्यभट्ट" सेटेलाइट अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया तथा 1975 में भारत ने प्रथम "परमाणु बम" पोखरण में विस्फोट किया,इसरो वैज्ञानिकों ने प्रथम बार 22 अक्टूबर 2008 को "चंद्रयान-1" का सफलतापूर्वक प्रेक्षपण पूर्व प्रधानमंत्री डा० मनमोहन सिंह जी के कुशल नेतृत्व में किया,
इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा बर्षों से लगातार योजनाबद्ध
प्रयास के परिणामस्वरूप चंद्रयान-3 की सफलता मिली,जनता दल युनाइटेड तथा इंडिया भारत के महामहिम राष्ट्रपति महोदय से मांग करती है कि इसरो के वैज्ञानिकों को "भारत रत्न" सम्मान से नवाजा जाए जिससे वैज्ञानिकों का मनोबल बढ़े,
भारत में स्पेस रिसर्च के संस्थापक बिक्रम साराभाई की पुत्री मल्लिका साराभाई ने देशवासियों को आगाह किया कि चंद्रयान-3 की सफलता का राजनीतिकरण नहीं होनी चाहिए,लेकिन भाजपा नेताओं ने सार्वजनिक रूप से मल्लिका साराभाई का अपमान किया,जो निंदनीय है,भाजपा मोदी चंद्रयान-3 का राजनीतिकरण कर रहे हैं जबकि चंद्रयान-3 पूर्ववर्ती सरकार तथा इसरो के वैज्ञानिकों के वर्षो के लगातार प्रयास का प्रतिफल है।उक्त आशय की जानकारी जदयू के जिला अध्यक्ष बबलू कुमार मंडल के हवाले से जदयू प्रवक्ता आचार्य राकेश पासवान शास्त्री ने प्रेस को दी।