बाबा चौहरमल समाज हित में संघर्ष और त्याग के प्रतिमुर्ती थे: शास्त्री
वीर शिरोमणि चौहरमल की परिनिर्वाण दिवस मनायी गई
खगड़िया, 01 नवम्बर 2023
सदर प्रखण्ड के रहीमपुर मध्य पंचायत अंतर्गत मेनका-कार्तिकेय सदन के सभा में वीर शिरोमणि बाबा चौहरमल की 5 सौ नब्बेवीं परिनिर्वाण दिवस मनायी गई।सर्वप्रथम दलित युवा संग्राम परिषद् के प्रदेश अध्यक्ष व जदयू प्रवक्ता आचार्य राकेश पासवान शास्त्री सहित उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों के द्वारा उनके तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर कोटि कोटि नमन किया गया।
मौके पर आचार्य राकेश पासवान शास्त्री ने कहा कि शीलवर्ती वीर शिरोमणि बाबा चौहरमल तानाशाही व दमनकारी नीतियों के विरुद्ध विद्रोह के प्रतीक के साथ समाज हित में संघर्ष और त्याग के प्रतिमुर्ती थे।वे भगवान महादेव और माता जगदम्बा के अनन भक्त थे।ऐसे साहस के सुमेरू वीर बाबा चौहरमल समाज के अंतिम पायदान पर खड़े उपेक्षित व बहिष्कृत के लोकनायक थे।वे अपने इलाके के लोगों को संकट से बचाने और आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति करते थे ; जिन्हें आज भी हमारे समाज के लोग कुल देवता के रूप में पिण्ड स्थापित कर पूजते आ रहे हैं।इनकी अनेक कहानियां बिहार की लोक कथाओं में विद्यमान है।उनका शरीरान्त आज ही के दिन 120 वर्ष की आयु में 1433 को हुआ था।
उन्होंने कहा कि मगध क्षेत्र के मोकामा टाल इलाके के अंजनी शंकरवाड़ टोला में बन्दीलाल पासवान तथा रघुमति देवी के पुत्र के रूप में 4 अप्रैल 1313 चैत्र पूर्णिमा को हुआ था।आगे चलकर मोकामा के अजब सिंह से दोस्ती हुई जो बाद में गियासुद्दीन मुहम्मद बिन तुगलक के द्वारा इन्हें खेती योग्य सौ बीघा भूमि पट्टा प्राप्त हुई थी उसी भूमि को उनके दोस्त के स्वजातीय लोगों की नजर गड़ गई अंततः उनकी दोस्ती दुश्मनी में बदल गई।
श्री शास्त्री ने कहा कि आज भी बिहार शरीफ के बड़ी दरगाह में हजरत मखदूम साहब के मजार के बगल में चौहरमल का भी मजार है।मखदूम एक सूफी संत थे जो चौहरमल के समकालीन और कल्याणमित्र थे।दोनों मिलकर मानवतावादी संदेशों को आसपास के क्षेत्रों में प्रचारित करते थे।इससे साफ प्रतीत होता है कि बाबा चौहरमल मुस्लिम समाज में भी अपने मंगल कृत से पूज्य थे।
इस अवसर पर संजय पासवान अधिवक्ता, शिक्षक धर्मेन्द्र कुमार,श्रीराम पासवान,अंकेश कुमार,ईशा देवी, हरिवंश कुमार,नीतू कुमारी,सूर्यवंश कुमार,अनुवर्ता कुमारी,सृष्टि आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे।