आज महात्मा गाँधी के 76 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर गाँधी पार्क(बापू बल विकास उद्यान) समिति बलुआही के द्वारा गाँधी पार्क में गाँधी जी का पुण्यतिथि मनाया गया।
आज महात्मा गाँधी के 76 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर गाँधी पार्क(बापू बल विकास उद्यान) समिति बलुआही के द्वारा गाँधी पार्क में गाँधी जी का पुण्यतिथि मनाया गया। सर्वप्रथम गाँधी पार्क के अध्यक्ष महेष्वर प्रसाद सिंह, कोषाध्यक्ष रणवीर कुमार, के द्वारा गाँधी जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण और उनके चरणों पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया और उपस्थित पार्क के सदस्य एवं ग्रामीण के द्वारा गाँधी जी के प्रिय भजन "रघुपति राघव राजा राम" गाकर उन्हें याद किया।
पार्क के अध्यक्ष महेष्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि आजादी के आंदोलन के समय गाँधी जी बलुआही के इसी प्रांगण में आये थे इसलिए उन्हीं के नाम पर बापू मध्य विद्यालय और गाँधी पार्क का निर्माण हमसभी ग्रामीण ने करवाया।आजादी की लड़ाई में प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में से एक महात्मा गांधी भी रहे। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर उन्होंने अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। कोई उन्हें बापू कहता है तो कोई देश का राष्ट्रपिता। दोनों का अर्थ एक ही है, उन्हें हर भारतीय के पिता के रूप में देखा जाता है, जिन्होंने सही मार्ग पर चलकर आजादी की जंग लड़ी और भारतीयों का भी इस जंग में मार्गदर्शन किया।
आजादी मिलने के कुछ महीनों बाद 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी का निधन हो गया। उस शाम प्रार्थना के दौरान बिड़ला हाउस में गांधी स्मृति में नाथूराम गोडसे ने गांधीजी को गोली मार दी। इतिहास में 30 जनवरी का दिन गांधी जी की पुण्यतिथि के तौर पर हमेशा के लिए दर्ज हो गया। हर साल 30 जनवरी को गांधी जी की पुण्यतिथि के साथ ही शहीद दिवस भी मनाया जाता है
पूर्व वार्ड पार्षद सह पार्क के कोषाध्यक्ष रणवीर कुमार ने कहा कि भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने में गांधी जी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने भारत की आजादी, विकास और समृद्धि के लिए अपना जीवन तक बलिदान कर दिया। 30 जनवरी का दिन शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन उन सभी शहीदों को भी याद किया जाता है जिन्होंने देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। आज बापू की वजह से ही हम सब आजाद हवा में सांस ले रहे हैं। गांधी जी के साधारण व्यक्तित्व और साधनापूर्ण जीवन ने सिर्फ भारत को ही नहीं बल्कि विश्व को शांति, अहिंसा और सद्भाव का रास्ता दिखाया।महात्मा गांधी बचपन सें ही स्वच्छता के प्रति जागरूक थे। उन्होंने किसी भी सभ्य और विकसित मानव समाज के लिए स्वच्छता के उच्च मानदंड की आवश्यकता को समझा। उनके लिए स्वच्छता एक बहुत महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दा था। उन्होंने स्कूली और उच्च शिक्षा के पाठयक्रमों में स्वच्छता को तुरंत शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया था।
मौके पर मुकेश कुमार,बिपीन कुमार,धीरज कुमार, गौरव कुमार,प्रकाश साह, श्रवण मिस्त्री, पार्क के कर्मी आयुष सिंह राजपूत, सन्नी यादव,गौरव यादव आदि मौजूद थे।