2016 से लेकर आज तक कंपनी वाले प्रतिनिधियों, मीडिया कर्मियों को बना रहा बेवकूफ, सरकार को आंख में धूल झोंक रही है- गोलू सिंह
कहा गोदाम के अलावे फुटी कोड़ी बनकर रहा गया है मानसी प्रिस्टीन मेगा फुड पार्क- गोलू सिंह
खगड़िया। गोदाम के अलावे फुटी कोड़ी साबित हो रहा मानसी प्रिस्टीन मेगा फुड पार्क। उक्त बातें अपने आवास पर प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मानसी नगर पंचायत के मुख्य पार्षद प्रतिनिधि आयुष कुमार उर्फ गोलू सिंह ने कहा। प्रेस को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा की प्रिस्टीन मेगा फुड पार्क लोगों को मुगेंरी लाल का हसीन सपना दिखा रहा है। गोलू ने साफ तौर पर कहा की मेगा फुड पार्क अपने उद्देश्य से पुरी तरह भटक गई है।श्री सिंह ने कहा की मेगा फुड के पदाधिकारी आम जनों एवं प्रतिनिधियों यहाँ तक की पत्रकारों को भी गुमराह कर रहा है कि कंपनी यह युनिट लगा रही वह युनिट लगा रही है। गोलू ने कहा की प्रिस्टीन मेगा फुड पार्क वाले शनिवार को सांसद को निरीक्षण में गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा पहले भी जब पुर्व सांसद चौधरी महबूब अली कैसर ने निरीक्षण किया तो वही बात वही व्यवस्था दिखाया जो आज वर्तमान सांसद राजेश वर्मा को दिखा रहा है। आखिर कब तक मेगा फुड पार्क वाले प्रतिनिधियों एवं पत्रकारों को गुमराह करते रहेगें। आयुष ने कहा की मानसी मेगा फूड पार्क स्कीम के तहत बना था जिसे 2016 तक पूरा कर लेना था।लेकिन 2018 में भी इसका उद्घाटन नहीं हो सका।क्योंकि कंपनी सरकार का सब्सीडी हड़फना चाह रही है। श्री सिंह ने कहा आप सब को पता है की तत्कालीन खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बिना उद्घाटन किए हुए वापस हो गई।क्योंकि कंपनी वाले मंत्री को आंखों में धुल झोंककर उदघाटन करवाना चाह रहा था। लेकिन मिडिया के साथियों द्वारा अवगत कराने के बाद मंत्री जी उदघाटन किये बिना लौट गई। गोलू ने कहा की कंपनी को भारत सरकार का 35% एवं राज्य सरकार का 15℅ प्रतिशत का अनुदान प्राप्त है।लेकिन कंपनी केवल गोदाम बनाकर गोदाम का किराया वसूल रही है,और यहां पर मुर्गी दाना के अलावा किसी भी तरह का कोई खाद्ध प्रसंस्करण उद्योग अभी तक नहीं लगा है। वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार का झांसा देकर अभी तक एक भी स्थानीय लोगों को कंपनी अपनी रोल पर नहीं रखी है। पुराने जितने कामगार थे सब को कंपनी निकल चुकी है। गोलू ने कहा कि मेगा फुड पार्क को 70 एकड़ में खाद्य प्रसंस्करण संबंधित उद्योग लगना था और 28.3 एकड़ में रेल परियोजना लगना था रेल परियोजना का अभी तक कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। 2015 में तत्कालीन रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने इसका शिलान्यास रखा था और लक्ष्य 2016 तक का रखा था लेकिन अभी तक धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। वहां काम कर रहे हैं मजदूरों से भी कमीशन खोरी किया जाता है।उन्होंने कहा की मेगा फुड पार्क वाले अधीनस्थ पदाधिकारी गोदाम खोल सिर्फ सिर्फ लुट - खसौट कर रही है। जिसकी जांच करने की आवश्यकता है।आयुष ने कहा की इस संबंध में सांसद राजेश वर्मा को भी अवगत करा दिया गया, जल्द ही दिल्ली जाकर विभाग मंत्री को भी जानकारी दिया जायेगा।मौके पर वार्ड पार्षद हीरालाल यादव, वार्ड पार्षद प्रतिनिधि विभुति यादव, सनमुन कुमार आदि लोग मौजूद थे।