पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना पर विवाद: बीजेपी समर्थकों की गालियों पर उठे सवाल
हाल ही में पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना की घोषणा के बाद से सियासी माहौल गर्म है। योजना का उद्देश्य धार्मिक स्थलों से जुड़े पुजारियों और ग्रंथियों का सम्मान और सहयोग करना है। हालांकि, इसके बाद से बीजेपी समर्थकों द्वारा योजना के समर्थकों पर गालियों और अपमानजनक टिप्पणियों का सिलसिला शुरू हो गया है।
इस संदर्भ में योजना के प्रणेता ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाया:
"क्या मुझे गाली देने से देश का फायदा होगा? आपकी 20 राज्यों में सरकारें हैं। गुजरात में तो आपकी 30 साल से सरकार है। अभी तक आपने वहाँ पुजारियों और ग्रंथियों का सम्मान क्यों नहीं किया? अगर आप देश के हित में सोचते हैं, तो इसे अपने राज्यों में लागू करें। मुझे गालियाँ क्यों देते हो?"
उन्होंने यह भी कहा कि पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना देश के धार्मिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक मूल्यों को सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। इस पर राजनीति या अपमानजनक टिप्पणी करने की बजाय, सकारात्मक पहल की आवश्यकता है।
सोशल मीडिया पर इस बयान के बाद आम जनता की मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ लोगों ने इसे एक साहसिक कदम बताया, तो वहीं कुछ ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया।
अब सवाल यह है कि बीजेपी अपने राज्यों में इस तरह की योजना कब लागू करेगी? क्या आलोचना और गालियों से सामाजिक सुधार का रास्ता प्रशस्त हो सकता है?
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