Type Here to Get Search Results !

Translate

बिहार : भागलपुर में बड़ा हादसा, गंगा नदी में 50 भैंस को निकल गई एक मशीन, 2 चारवाहे भी लापता

बिहार : भागलपुर में बड़ा हादसा, गंगा नदी में 50 भैंस को निकल गई एक मशीन, 2 चारवाहे भी लापता








बिहार के भागलपुर में गंगा नदी में एक बड़ा हादसा हुआ है। गंगा के मुशहरी घाट पर ड्रेजिंग मशीन की चपेट में आने से 50 से अधिक भैंसों की मौत होने की आशंका जतायी जा रही है। भैसों के साथ-साथ दो चरवाहे की लापता हैं। हालांकि प्रशासन अभी दोनों व्यक्ति को लापता मानकर गंगा में सर्च ऑपरेशन चला रहा है। मशीन की चपेट में आनेवाले दोनों कारु यादव और सिकंदर यादव मायागंज मोहल्ले का रहने वाले थे। 

यह घटना रविवार दिन में लगभग डेढ़ बजे की है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार चरवाहे लगभग सौ भैंसों का झुंड लेकर दियारा में चराने के लिए गंगा पार कर रहे थे। इसी दौरान वहां से ड्रेजिंग मशीन वाली जहाज गुजर रही थी। ड्रेजिंग मशीन का सक्शन पावर (चूषण शक्ति) इतना था कि भैंसों और चरवाहे को अपनी ओर खींच लिया। स्थानीय निवासी को वार्ड नंबर 27 के पूर्व पार्षद उमर चांद ने बताया कि कुल 8 लोग भैंसों को लेकर गंगा पार कर रहे थे। इनमें से छह लोगों ने जहाज में लटके टायर और बाहरी हिस्से को पकड़कर किसी तरह अपनी जान बचायी। लेकिन दो लोग ड्रेजिंग मशीन की चपेट में आ गए। 

इधर घटना की सूचना के बाद एसडीओ धनंजय कुमार अन्य अधिकारियों के साथ मुशहरी घाट पहुंचे। उनके निर्देश पर एसडीआरएफ की टीम गंगा में लापता दोनों लोगों की खोज के लिए सर्च ऑपरेशन चला रही है। इस बीच गंगा में कई भैंसों के कटे हिस्से तैरते पाए गए। बरारी और आगे के हिस्से में कुछ भैंसों के शरीर के अवशेष को निकाला गया। मृत भैंसों के पोस्टमार्टम के लिए पशुपालन विभाग के चिकित्सक और टीम को मुशहरी घाट पर ही बुला लिया गया है। 

मुआवजा पर निर्णय लिया जाएगा

एसडीओ ने बताया कि शुरुआत में 20-25 भैंसों के कटने की सूचना मिली। जब घाट पर पहुंचे तो लोग 50 से अधिक भैंसों के ड्रेजिंग मशीन की चपेट में आने की बात बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। बॉडी रिकवर होने के बाद कुछ कहा जा सकता है। लोगों के मुआवजे की बाबत एसडीओ धनंजय कुमार ने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को बुलाया गया है। उनलोगों ने मुख्यालय को सूचित किया है जो प्रावधान होगा उसके अनुसार मुआवजा पर निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि घटना के बाद मुशहरी घाट पर लोगों की भारी भीड़ जुटी है। वहां बड़ी संख्या में पुलिस बल को भी बुला लिया गया है।


मां को मत बताइये कि मेरे बाबूजी नहीं रहे

ड्रेजिंग मशीन वाली जहाज से दुर्घटना होने के बाद मुशहरी घाट पर मौजूद लोगों ने कारु यादव के घर में सूचना दी। घर से पत्नी उषा देवी और बेटी ममता कुमारी भागी भागी मुशहरी घाट पहुंची। यहां पहुंचने के बाद उषा देवी को बताया गया कि उनके पति अभी जिंदा हैं, खोज की जा रही है। वह बदहवास हैं। बगल में खड़ी बेटी ममता कहती है कि मां को मत बताइये कि अब बाबूजी नहीं हैं। सही बात यही है कि अब मेरे बाबूजी नहीं हैं। जो लोग बचे थे वे लोग तैरकर बाहर निकल गए। लेकिन मेरे बाबूजी नहीं लौटे। मेरी मां को मत बताइये कि मेरे बाबूजी अब नहीं रहे, नहीं तो वह जिंदा नहीं बचेगी। 
ममता ने बताया कि उनके चचेरे भाई ने फोन पर घटना की सूचना दी। कारु यादव छह बेटियों के पिता थे और भैंसों के दूध की कमाई से ही घर चलाते थे। उनका कोई बेटा नहीं है। एक बेटी अविवाहित है। बेटी ममता कहती है कि अब मेरी बहन की शादी कौन करेगा। हमारा घर कैसे चलेगा। उन्होंने बताया कि सिर्फ उनकी 14 भैंसें थी जो इस दुर्घटना में मर गई। दूसरे मृतक का नाम सिकंदर यादव है जो मायागंज के मसदापुर मोहल्ले के रहने वाले हैं। घटना के बाद उनके परिजन भी मुशहरी घाट पर पहुंचे थे। लेकिन इस उम्मीद में कि बहकर आगे कहीं दूसरी घाट पर मिल जाएं, आगे की घाटों की खाक छान रहे थे। 

ड्रेजिंग मशीन से गंगा में जमे गाद को निकाला जाता है

गंगा में ड्रेजिंग मशीन से तल में जमा गाद को निकाला जाता है। पिछले कई महीनें से यह काम चल रहा है। गंगा में पानी वाले मालवाहक जहाजों के आवागमन के लिए यह काम किया जाता है। बकायदा भागलपुर में इसके लिए एक स्टेशन भी बनाया गया है जो खंजरपुर मोहल्ले में महराज घाट के पास है। बताया गया कि दुर्घटना के बाद ड्रेजिंग मशीन वाली जहाज स्टेशन पर जाकर लगा दी गई। इस घटना के बाद लोग काफी उत्तेजित हो गए और लोगों के हुजूम को देखकर जहाज चालक जहाज लेकर अपने स्टेशन पर चले गए। इस घटना के बाद चालक का पक्ष जानने के लिए जब स्टेशन पर पहुंचे तो कर्मचारियों ने गेट नहीं खोला। 

प्रतिदिन लोग भैंसों को लेकर दियारा जाते हैं इस घाट से

स्थानीय निवासी और वार्ड के पार्षद रहे उमर चांद ने बताया कि मुशहरी घाट पर प्रतिदिन चरवाहे भैंसों को लेकर आते हैं और घास चराने के लिए गंगा पार कर दियारा जाते हैं। रविवार को भी लोग पहले की तरह घाट पर पहुंचे थे और भैंसों को लेकर दियारा जा रहे थे। इसी दौरान यह दुर्घटना हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि जहाज के चालक को जब भैंसें दिखी तो उसे अपने जहाज को नियंत्रित करना चाहिए था या टर्न लेना चाहिए था। इसमें पूरी तरह से जहाज के चालक का दोष है। चालक को पता है कि जहाज में कितनी क्षमता की मशीन लगी और क्या दुर्घटना हो सकती है तो उन्होंने लोगों को सचेत क्यों नहीं किया। आज तक कभी मुशहरी घाट पर चरवाहे को दियारा जाने से रोका भी नहीं गया था।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Hollywood Movies